Wednesday 22 February 2017

उत्तरप्रदेश जी राजनीति .... समझ से परे

हरेक महल से कहो कि झोपड़ियों में दिये जलाये !
छोटों और बड़ों में अब कोई फ़र्क नहीं रह जाये !
भारत माता की इस धरती पर हो प्यार का !
घर-घर उजियारा यही पैगाम हमारा…
नोटबंदी का शायद यही पैगाम और उद्देश्य था, जो कब पूरा होगा, पता नहीं. नोटबंदी करने वाले और ‘सबका साथ-सबका विकास’ जैसा लोकप्रिय नारा देने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अब यूपी की चुनावी सभाओं में श्मशान और कब्रिस्तान की बात भी करने लगे हैं. कुछ रोज पहले फतेहपुर की चुनावी रैली में भाषण देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ”गांव में अगर कब्रिस्तान बनता है तो श्मशान भी बनना चाहिए, रमज़ान में बिजली मिलती है तो दिवाली में भी मिलनी चाहिए, होली में बिजली आती है तो ईद पर भी आनी चाहिए.” उन्होंने कहा कि सरकार का काम है कि वह भेदभाव मुक्त शासन चलाए. प्रधानमंत्री की कही हुई बातों पर गौर करें तो इसका सीधा सा अर्थ है कि यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार ने धर्म, जाति और क्षेत्रीयता के आधार पर काफी हद तक भेदभाव किया है. बात काफी हद तक सही भी लगती है. सपा ने पिछले कई सालों में जिनके लिए सबसे ज्यादा कार्य किया है, अब उसी मुस्लिम-यादव फैक्टर पर ही उसे पूरा भरोसा है. यह बात किसी से छिपी नहीं है, सब जानते हैं. इसी बात को लेकर यूपी की बहुसंख्यक, खासकर दलित और सवर्ण जनता का जो आक्रोश है, वो न्यूज चैनलों द्वारा आयोजित होने वाले चुनावी बहस के कार्यक्रमों में अक्सर देखने को मिल जाता है.! प्रधानमंत्री मोदी को MY फैक्टर की मजबूत काट के लिए इसके उलट जमीन तलाशनी पड़ रही है. इसलिए वो श्मशान और कब्रिस्तान की बात कहने के बहाने सपा पर ‘मुस्लिम तुष्टिकरण’ करने का अप्रत्यक्ष रूप से आरोप लगाकर बीजेपी के परंपरागत हिन्दू वोटर्स को अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. इसके साथ ही वो समाजवादी पार्टी के MY समीकरण से इतर दलित, कुर्मी और ब्राह्मण वोटर्स को भाजपा की तरफ खींचने में लगे हैं. मोदी कर्ज से दबे किसानों और गरीबों की बात भी कर रहे हैं, क्योंकि इनकी तादात भी यूपी में बहुत बड़ी है !
पीएम मोदी ने लगभग एक हफ्ते पहले हरदोई में रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि यूपी ने मुझे गोद लिया है. यूपी मेरा माईबाप है. मैं माईबाप को नहीं छोड़ूगा. यूपी की चिंता है मुझे. यहां की स्थिति बदलना मेरा कर्तव्य है. जब मोदी ने खुद को यूपी का गोद लिया बेटा बताया तो हंगामा खड़ा हो गया था. एक तरफ जहाँ बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने मोदी को नोटिस भेजा तो दूसरी तरफ अखिलेश, राहुल, प्रियंका गांधी और डिंपल यादव सबने मोदी को बाहरी कहकर घेर लिया. कांग्रेस की स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी वाड्रा ने मोदी पर हमला करते हुए कहा कि यूपी को किसी बाहरी को गोद लेने की जरूरत नहीं है. राहुल जी के दिल में,उनकी जान में उत्तर प्रदेश है. मजेदार बात ये है कि राहुल और प्रिंयका के पूर्वज यानि नेहरू परिवार कश्मीर से आकर उत्तर प्रदेश में बसे थे. फिरोज गांधी गुजरात से यूपी में आये थे. सोनिया गांधी इटली से यूपी में आईं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विशुद्ध भारतीय होते हुए भी यूपी के लिए बाहरी कैसे हैं, यह न सिर्फ सोचने वाली बात है, बल्कि ‘उलटा चोर कोतवाल को डाँटे’ वाली बात है.
उत्तम जैन (विद्रोही )

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