Friday 10 February 2017

हैरानी है जबकि भारत विश्व का सबसे बड़ा प्रजातंत्रिक देश है

जब मे सुन रहा था   पीएम मोदी के तीखे बोल ओर  मन विचार  कर रहा था  राज्यसभा में मोदी जी ने डॉ मनमोहन सिंह पर कटाक्ष करते हुए कहा लगभग 35 वर्षों तक आर्थिक निर्णयों में उनका महत्वपूर्ण स्थान रहा है उनके काल में इतने घोटाले हुए हैं वह बेदाग़ रहे शायद बाथरूम में भी वह रेनकोट पहन कर नहाते हैं| कबीर दास जी का दोहा है काजल की कोठरी में कितना भी सयाना जाये उस पर काजल की एक आध रेखा जरूर लगती है| शायद यह मनमोहन सिंह के सदन में दिए उस भाषण का जबाब था जिसमें उन्होंने ‘नोट बंदी को संगठित लूट कहा था’ डॉ मनमोहन जी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी लेकिन कांग्रेस और यूपी में नये गठ्बन्धन में बंधे सपाईयों ने शोर मचा कर सदन का बहिष्कार किया | स्पष्ट था चुनाव का समय है अगले दिन सदन में हंगामा होगा लेकिन इससे पहले चुनाव सभाओं में नेता गण जम कर गरजे बाजपेयी जी को याद किया गया वह सदन में कितनी मर्यादित भाषा बोलते थे राहुल गाँधी ने हुंकार भरी डॉ मनमोहन सिंह दस साल तक जनता के चुने प्रधान मंत्री थे| राहुल भूल गये डॉ मनमोहन सिंह अमेरिका में थे उनकी सरकार द्वारा पारित अध्यादेश को चैनल में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान राहुल गाँधी ने फाड़ा था जबकि राहुल सांसद थे मोदी जी के लिए अपशब्दों का जम कर प्रयोग किया गया था उन्हें गद्दाफी मुसौलिनी और हिटलर कहा गया सदन के बाहर ममता दी ने विपक्ष का नेतृत्व करने के बहाने सभी मर्यादायें लांघी थी मोदी जी पर निजी कटाक्ष किये थे| सोनिया जी ने चुनावों के दौरान उन्हें मौत का सौदागर सम्बोधित किया,उनके सपुत्र श्री राहुल गाँधी ने सर्जिकल स्ट्राइक को खून की दलाली कहा था |
मनमोहन सिंह की छवि एक ईमान दार व्यक्ति की छवि रही है | संजय बारू, उनके मीडिया सलाहकार ने अपनी पुस्तक द एक्सीडेंटल प्रधान मंत्री में लिखा है मनमोहन सिंह जी ने उनसे स्वीकार किया था सत्ता का केंद्र कांग्रेस अध्यक्षा थीं उनसे गलतिया तब हुई जब कांग्रेस अध्यक्षा और कांग्रेस ने उनके कार्यों में हस्तक्षेप करना शुरू किया प्रधानमन्त्री कार्यालय की हर फाईल उनके पास जाती थी | अधिकतर देश में कांग्रेस का शासन या कांग्रेस से टूट कर आये लोगों का शासन रहा हैं बस अटल जी के नेतृत्व में एनडीए सरकार रही थी |कांग्रेस के लिए विपक्ष में बैठना दुखदायी है | कांग्रेस ने प्रजातांत्रिक व्यवस्था को एक ही परिवार का अधिकार बना दिया उनके प्रति भक्ति दिखाना अपनी नियति बना ली है | जैसी सम्भावना थी अगले दिन लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दलों का हंगामा शुरू हो गया स्पीकर सुमित्रा महाजन ने टोका आप लोग दूसरे सदन में दिए गये भाषण का विरोध लोकसभा में नहीं कर सकते सदन भंग कर जब दुबारा शुरू हुआ खड्गे और अन्य सांसद नारे लगाते स्पीकर की कुर्सी तक पहुंच गये| राज्यसभा में भी यही हाल था कांग्रेस और उनके समान विचार वाले सांसद वेल में आकर मांग करने लगे जब तक मोदी जी अपने वक्तव्य पर माफ़ी नहीं मांगते तब तक मोदी जी का बहिष्कार करेंगे हंसी आती है सांसदों के व्यवहार और सदन की नियति ही हैरानी है जबकि भारत विश्व का सबसे बड़ा प्रजातंत्रिक देश है !
उत्तम जैन ( विद्रोही ) 

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