Friday 17 November 2017

हार्दिक पटेल - मान सम्मान- सीडी - चिंतनीय विषय

मित्रो पटेल आंदोलन की शुरुआत से मे हार्दिक पटेल से प्रभावित हुआ मेरा प्रभावित होने का कारण आरक्षण नहीं क्यू की मेरे विचार तो आरक्षण के सदेव विरोधी रहे है मे सदेव योग्यता को आधार मानता हु ! मगर एक 24 वर्ष के युवा के जोश व जज़्बे से प्रभावित हुआ जो अपने समाज के लिए संघर्ष कर रहा है ! गज़ब का होंसला हार्दिक पटेल का अगर एक बात कहु आज हमारी लोकसभा व विधान सभा मे ऐसे बुलंद होंसले वाले युवा की जरूरत है मगर एक पल मे सोचने को मजबूर हो गया जब हार्दिक पटेल की सेक्स सीडी शोशल मीडिया पर आयी यह सीडी चुनाव के मोके पर बाहर आयी मे नहीं जानता यह राजनीतिक षड्यंत्र है या नहीं ओर जिस तरह भाजपा पर आरोप लग रहे है सत्यता क्या है इसका भी मुझे ज्ञान नही मगर एक चिंतनीय विषय है ! जिस देश की मिट्टी ने अपने युवा को कभी सरदार पटेल, सुभाष चन्द्र बोस,राम प्रसाद बिस्मिल, चन्द्र शेखर आजाद, भगत सिंह जैसे आदर्श दिए थे, उस देश का युवा आज किसी हार्दिक पटेल या जिग्नेश जैसे युवा को अपना आदर्श कतई नहीं मानेगा।
इसलिए नहीं कि किसी सीडी में हार्दिक आपत्तिजनक कृत्य करते हुए दिखाई दे रहे हैं बल्कि इसलिए कि वे इसे अपनी मर्दानगी का सुबूत बता रहे हैं।
इसलिए नहीं कि जिग्नेश उनका समर्थन करते हुए कहते हैं कि यह तो हमारा मूलभूत अधिकार है बल्कि इसलिए कि ये लोग अवैधानिक और अनैतिक आचरण में अन्तर नहीं कर पा रहे। इसलिए नहीं कि हर वो काम जो कानूनन अपराध की श्रेणी में नहीं आता उसे यह जायज ठहरा रहे हैं बल्कि इसलिए कि कानून की परिभाषा पढ़ाते समय ये मर्यादाओं की सीमा नजरअंदाज करने पर तुले हैं। इसलिए नहीं कि वे यह तर्क दे रहे हैं कि सीडी के द्वारा मेरे निजी जीवन पर हमले का सुनियोजित षड्यंत्र है बल्कि इसलिए कि लोगों का नेतृत्व करने वाले का निजी जीवन एक खुली किताब होता है, वे इस बात को भूल रहे हैं, क्योंकि जब एक युवा किसी को अपना नेता मानता है तो वह उसे एक व्यक्ति नहीं बल्कि व्यक्तित्व के रूप में देखता है। इसलिए नहीं कि वे शर्मिंदा नहीं हो रहे हैं बल्कि इसलिए कि वे आक्रामक हो रहे हैं। पश्चताप की भावना के बजाय बदले की भावना दिखा रहे हैं यह कहते हुए कि बीजेपी में भी कई लोग हैं मैं उनकी भी सीडी लेकर आऊंगा। इसलिए नहीं कि यह कुतर्क दिया जा रहा है कि दो वयस्क आपसी रजामंदी से जो भी करें उसमें कुछ गलत नहीं है बल्कि इसलिए कि दो वयस्कों के बीच जो सम्बन्ध भारतीय संस्कृति में विवाह नामक संस्कार का एक हिस्सा मात्र है आज वे उसे विवाह के बिना भी जीवन शैली का हिस्सा बनाने पर तुले हैं ! और सबसे अधिक व्यथित उस पुरुषवादी सोच से हूँ कि “गुजरात की महिलाओं का अपमान किया जा रहा है” । क्या हार्दिक मान सम्मान की परिभाषा भी जानते हैं? जो हार्दिक ने किया क्या वो सम्मानजनक था? यही है भारतीय संस्कृति और उनके संस्कार जिनके आधार पर वह गुजरात की जनता से समर्थन मांग रहे हैं?
पिछड़ेपन के नाम पर आरक्षण का अधिकार मांग कर युवाओं का नेता बनने की कोशिश करने वाला वाला एक 24 साल का युवक देश के युवाओं के सामने किस प्रकार का उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। देखना चाहूँगा कि वो पाटीदार समाज क्या इस पटेल को स्वीकार कर पायेगा जिसने इस देश की राजनीति को विश्व इतिहास में सबसे आदर्श व्यक्तित्वा वाली शख्सियत भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल दिये?
जो लोग सत्ता के बाहर रहते हुए ऐसे आचरण में लिप्त हैं वे सत्ता से मिलने वाली ताकत में क्या खुद को संभाल पाएंगे या फिर उसके नशे में डूब जाएंगे?
मैं व्यथित जरूर हूँ लेकिन निराश नहीं हूँ। आशावान हूँ कि मेरा देशवासी इस बात को समझेगा कि जो व्यक्ति अपने भीतर की बुराइयों से ही नहीं लड़ सकता वो समाज की बुराइयों से क्या लड़ेगा?
मेरा यह ब्लॉग हार्दिक पटेल के निजी जीवन पर आक्षेप लगाना नहीं है ओर न ही राजनीति से प्रेरित है ! हार्दिक पटेल से पाटीदार समाज को बहुत अपेक्षा है ! हर युवा हार्दिक पटेल के मार्ग पर चल कर समाज हित के कार्य करने की चाहत रखता है जरूरत है हार्दिक पटेल को समय व पाटीदार समाज के हित को देखते हुए फूँक फूँक कर कदम रखने की कोई माई का लाल इस तरह की आक्षेप वाली कोई कहानी या हकीकत बाहर लाने का मोका मिले ! हार्दिक पटेल मे आज भी हिम्मत है होंसला है जज़्बा है की सफलता न मिले तब तक लड़ सकता है क्यू की समाज का एक बड़ा वर्ग उसके साथ है बस जरूरत है हर बयान व हर कार्य पूरी ईमानदारी से करे !
लेखक - उत्तम ( विद्रोही )
संपादक - विद्रोही आवाज           

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