गुजरात चुनाव के साथ ही कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने धूम फिल्म के अंदाज मे चुनावी दौरे शुरू किए ! अपने चुनावी दौरे के दौरान गुजरात के पाटन में सोमवार (13 नवंबर) को एक जादूगर से मिले. उन्होंने जादू का खेल देखा और जादूगर क़े जादू से वो इतने प्रभावित हुए कि उससे न सिर्फ अपने दिल की बातें कहीं, बल्कि उसके साथ खड़े होकर फोटो भी खिंचवाई. जादूगर से राहुल गांधी ने अपने दिल में छुपी कौन सी राज वाली बात कही, मीडिया की कृपा से यह भी अब सारी दुनिया को पता चल चुका है.
राहुल गांधी ने जादूगर से कहा कि ‘देश के प्रधानमंत्री मोदी भी जादूगर ही हैं, उन्होंने 22 साल से गुजरात की जनता पर जादू कर रखा है. जैसा जादू आपने अभी किया वैसा ही जादू नरेन्द्र मोदी जी ने गुजरात के साथ 22 सालों से कर रखा है. आप में और मोदी जी में फर्क ये है कि आपने जादू से पैसा निकाला और मोदी जी ने गायब कर दिया, आइए फोटो खिंचवाते हैं.’
वेसे राहुल गांधी ओर मोदी जी की भाषण व बयानो की तुलना की जाये तो एक बटा सो होगा क्यू की मोदी जी का भाषण तो विरोधीयो को भी सोचने को मजबूर कर देता है राहुल गांधी ने मीडिया को समझाया कि जैसे जादूगर ट्रिक करता है जो कि सही नहीं होता, सिर्फ नजर का धोखा होता है, उसी तरह प्रधानमंत्री मोदी गुजरात में लोगों पर ट्रिक आजमाते हैं. यह पूछने पर कि ‘लोग इसे क्यों पसंद करते हैं, इसका जबाब राहुल गांधी ने नहीं दिया. सच बोल देते कि जनता को कांग्रेस क़े घोटालों से ज्यादा मोदी की जादूगरी अच्छी लगती है. राहुल गांधी की मानें, तो गुजरात के चहुंमुखी विकास से लेकर सफल सर्जिकल स्ट्राइक, कालेधन पर अंकुश लगाने वाली नोटबंदी और टैक्स के क्षेत्र में बेहद क्रान्तिकारी परिवर्तन लाने वाली व्यवस्था जीएसटी यानी वस्तु एवं सेवा कर आदि सब कुछ मोदी का जादू है और ये सब जादू ट्रिक यानि नजर का धोखा मात्र है. ‘ये सब स्वप्न मात्र है, ऐसा कुछ हुआ ही नहीं है. जो हुआ है, सब इसका उलटा हुआ है’ राहुल गांधी ऐसा सोचकर और कहकर न सिर्फ अपनी छवि धूमिल कर रहे हैं, बल्कि उपहास का पात्र बनकर अपना राजनीतिक करियर भी चौपट करते जा रहे हैं !
दरअसल, राहुल गांधी मोदी को समझ ही नहीं पा रहे हैं, इसलिए उन्हें एक जादूगर मान लिए हैं. एक गीत है, ‘जादूगर जादू कर जाएगा किसी को समझ नहीं आएगा.’ यही हाल राहुल गांधी का भी है. मोदी के जादू से निपटने के लिए खुद जादूगर बनने की बजाय राहुल गांधी गुजरात में तरह-तरह के जादूगरों की खोज कर रहे हैं. लेकिन उनका यह प्रयास असफल होता हुआ ही दिख रहा है. हाल ही में हुए ओपिनियन पोल के अनुसार तो गुजरात में अल्पेश, हार्दिक और जिग्नेश जैसे युवा जादूगर नेता भी कांग्रेस पार्टी में आकर बीजेपी को इस बार फिर चुनाव जीतने से नहीं रोक पाएंगे.
मोदी को जादूगर मानने वाले कांग्रेस के और भी कई नेता हैं. नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब साल 2012 में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा था कि ‘नरेंद्र मोदी एक जादूगर हैं. कोई जादूगर है तो मेरा तो लोगों से यही निवेदन है कि जादू को जादू समझो और सच्चाई को सच्चाई.’ नरेंद्र मोदी द्वारा गुजरात का विकास करने की बात को महज एक छलावा बताते हुए सलमान खुर्शीद ने उस समय कहा था कि अगर अभी तक जादू से आंखों में चकाचौंध थी, तो लोग अब आंखें खोलकर सच्चाई को स्वीकार करें. जादू केवल देखने में अच्छा लगता है. वैसे भी जादू बच्चों के लिए अच्छा होता है, जिसको घर चलाना होता है वो सच्चाई को साथ लेकर चलें तो अच्छा होगा.’
आश्चर्य की बात है कि आम जनता को गुजरात में विकास दिख रहा है, लेकिन कांग्रेस को नहीं. वो तंज कस रही है कि विकास पागल हो गया है. दरअसल जमीनी हकीकत तो यह है कि गुजरात की आम जनता इस सच्चाई से वाकिफ हो चुकी है कि गुजरात का विकास देखकर तथा चुनाव में अपनी संभावित हार होते देखकर कांग्रेस के नेता गुस्से और गम से पागल हो रहे हैं. विकास उनके राजनीतिक दुश्मन ने किया है, तो फिर भला वो कैसे स्वीकार करें? इस सच को स्वीकार कर लेंगे, तो उनकी मोदी विरोधी सारी राजनीति ही ख़त्म हो जाएगी.
मोदी अपनी मौलिक और क्रांतिकारी सोच और विकास करने के कारण जादूगर बने हैं. इस सच्चाई को साल 2016 में सलमान खुर्शीद ने स्वीकार किया था. 2019 के चुनाव में कांग्रेस की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर तब सलमान खुर्शीद ने कहा था, ‘वह (मोदी) थोड़े से जादूगर हैं. हो सकता है कि उनके थैले में कोई दांव हो जो वह अगले चुनाव से पहले चल दें.’ उन्होंने यह भी कहा था कि यदि कांग्रेस पार्टी 2019 के चुनाव में सत्ता में वापसी नहीं करती है, तो उन्हें उसके लिए बहुत दुख होगा.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर पहले से ही निराश दिखते हैं. मणिशंकर अय्यर जैसे वरिष्ठ कांग्रसी नेता भी अपनी पार्टी में अंदरूनी लोकतंत्र को लेकर इतना ही बोल पाते हैं कि पार्टी का अध्यक्ष मां-बेटा में से ही कोई एक बनेगा. कांग्रेस के पतन का मूल कारण वंशवाद ही है. सोनिया गांधी और राहुल गांधी का देश की समस्याओं के प्रति कोई मौलिक चिंतन नहीं है. इस देश का नागरिक होकर भी वो अपनी विदेशी छवि से नहीं उबर पा रहे हैं. फ़िलहाल तो अनगिनत विश्व क़े नेताओं और करोड़ों भारतीयों के चहेते मोदी को समझने और पहचानने की नाकाम कोशिश करते हुए वो यही गीत गा रहे हैं कि ‘ रे विद्रोही दिल लूटने वाले जादूगर अब मैने तुझे पहचाना है.’
उत्तम विद्रोही
संपादक - लेखक
विद्रोही आवाज - जैन वाणी
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