Wednesday 29 August 2018

विदेशो में भी किया जाता है नवकार मंत्र उच्चारण

विदेशो में भी किया जाता है, नवकार मंत्र का उच्चारण

नवकार मंत्र -- समस्त जैन
धर्मावलंबियों का मुख्य मंत्र है।
णमोकार महामंत्र एक लोकोतर मंत्र है । इस मंत्र को जैन धर्म का परम पवित्र और अनादि मूल मंत्र माना जाता है। इसमें किसी व्यक्ति का नहीं, किन्तु संपूर्ण रूप से विकसित और विकासमान विशुद्ध आत्मस्वरूप का ही दर्शन, स्मरण, चिन्तन, ध्यान एवं अनुभव किया जाता है। इसलिए यह अनादि और अक्षयस्वरूपी मंत्र है । लौकिक मन्त्र आदि सिर्फ़ लौकिक लाभ पहुचाते हैं, किन्तु लोकोतर मंत्र लौकिक और लोकोतर दोनों कार्य सिद्ध करते हैं । इसलिए णमोकार मंत्रसर्वकार्य सिद्ध कारक लोकोतर मंत्रमाना जाता है । णमोकार- स्मरण से अनेक लोगों के रोग, दरिद्रता, भय, विपत्तियाँ दूर होने की अनुभव सिद्ध घटनाएँ सुनी जाती हैं । मन चाहे काम आसानी से बन जाने के अनुभव भी सुनें हैं । अत: यह निश्चित रूप में माना जा सकता है कि णमोकार मंत्र हमें जीवन की समस्याओं, कठिनाइयों, चिंन्ताओं, बाधाओं से पार पहुँचाने में सबसे बड़ा आत्मसहायक है । इसलिए इस मंत्र का नियमित जाप करना बताया गया है । इस महामन्त्र को जैन धर्म के अनुसार सबसे प्रभावशाली माना जाता है । ये पाँच परमेष्टी हैं । इन पवित्र आत्माओं को शुद्ध भावपूर्वक किया गया, यह पंच नमस्कार सब पापों का नाश करने वाला है । संसार में सबसे उत्तम मंगल है । इस मंत्र के प्रथम पाँच पदों में ३५ अक्षर और शेष दो पदों में ३३ अक्षर हैं । इस तरह कुल ६८ अक्षरों का यह महामन्त्र समस्त कार्यों को सिद्ध करने वाला व कल्याणकारी अनादि सिद्ध मन्त्र है। इसकी आराधना करने वाला स्वर्ग और मुक्ति को प्राप्त कर लेता है।

_सबसे बढ़कर है नवकार, करता है भवसागर पार । चौदह पूरब का यह सार, बारम्बार जपो नवकार ।।_

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