Saturday 30 September 2017

मेरी बेटी का जन्म दिवस मेरी मन की बात

आज मेरी बिटिया जीवन के 22 बसंत पार कर 23 वे वर्ष मे प्रवेश कर गयी ! आज दोपहर मे बच्चो-  प्रतीक ,नमन  रिंकल , भांजी वेशाली व भतीजे (साला जी का लड़का ) अंकित  जो खास तोर से मुंबई से मेरी बिटिया का जन्मदिवस मनाने सुरत आया ! आजकल के बच्चो मे जन्मदिवस मनाना एक विशेष शोख होता है ! वेसे केक काटना या सेलिब्रेट करना मे ज्यादा महत्व नही देता ! मगर बच्चो की खुशी देख मन मे खुशी होती है आज मेरी बिटिया का जन्म दिवस था ! मे उन पूर्व के 22 वर्ष की यादों मे खो गया ! जिस दिन मेरी बेटी का जन्म हुआ था ! मेरी स्वर्गस्थ पत्नी कुसुम जब गर्भ से थी रात 12.45 बजे उसे प्रसव पीड़ा हुई मे नींद मे था मुझे कुसुम ने बोला हॉस्पिटल चलो मुझे बहुत दर्द हो रहा है ! उस समय मेरी उम्र 24  वर्ष थी ! अगर यू कहा जाए मे बच्चा ही था ! क्यू की मेरी शादी 20 वर्ष की उम्र मे ही हो गयी थी ! मेने उसी समय मेरी माँ को बोला इसे बहुत दर्द है हॉस्पिटल लेकर चलते है मगर माँ का अनुभव था उसने बोला अभी नही चलेंगे कुछ देर बाद चलेंगे एक क्षण मन मे गलत भ्रांति भी आई माँ क्यू नही समझती मगर चुप रहा ! क्यू की उम्र का कच्चा था शायद बाप बनकर भी नादान था  माँ साफ बोल दिया की हम 3-4 घंटे बाद जाएंगे हॉस्पिटल ! मन मे घृणा के स्वर उभरे मगर माँ का आदेश सर्वोपरि था ! यह बात तो बात  मे समझा की जल्दी चला जाता तो डॉक्टर सर्जरी से बेटी को जन्म दे देती जो आजकल होता है ! ठीक 4 बजे मे माँ के साथ पत्नी कुसुम को लेकर  डॉ कमला हॉस्पिटल लेकर गया  माँ ने बोला तू जा ओर सो जा मे हु हॉस्पिटल ओर मे माँ के आदेश का पालन करते हुए पास मे ही मेरी दुकान मे जाकर सो गया ! कुछ देर यानी करीब २ घंटे  बाद मेरी माँ ने दुकान का शटर बजाया ओर रोते हुए बोली उत्तम बेटी हुई है हॉस्पिटल मे आ ! खेर मुझे तो कुछ अफसोस नही था की बेटी हो या बेटा मगर माँ थी की वो चाहती थी मेरी दूसरी संतान बेटा हो ! मे जब हॉस्पिटल गया जो महज मेरी दुकान से ५० मीटर दूरी पर था देखा की मेरी पत्नी कुसुम भी मुझे देखकर रोने लगी की बेटी हुई है ! उसे समझाते हुए बोला तो क्या हुआ यह तो हमारे भाग्य की बात है नसीब वालो को मिलती है बेटी !
मगर अगले की कुछ देर मे जब बेटी को नर्स जब लेकर आई मेरी पत्नी का ममत्व जाग उठा उसे अब नही लग रहा था की मेने बेटी को जन्म दिया या बेटे को कुछ समय मे मेरी माँ यानी बेटी की दादी भी उसे बहुत प्यार करने लगी ! समय निकलता गया ! बेटी १६ वर्ष की हुई मेरी पत्नी कुसुम का सड़क दुर्घटना मे  देहावसान हो गया मेने दूसरी शादी की ! आज माँ के रूप मे ममता अपना फर्ज निभा रही है ! एक कहावत है जन्मदात्री माँ से महान पालनहार माँ महान होती है ! चाहे केसी  भी हो कल रात को जब मे घर गया मेरी पत्नी ने मुझे बताया मेरे साला जी का लड़का यानी भतीजा अंकित हिनल का जन्मदिवस मनाने रात को २ बजे आ रहा है मुंबई से ओर हमने केक भी मंगा लिया है ओर बेटी को नही बताना है इस लिए घर के सामने केक  लाकर रखा है ! बड़ी खुशी हुई माँ व बच्चो का प्यार देखकर   आज मुझे तो बड़ी खुशी होती है जब बेटी को खुश देखता हु ! आज पूरे परिवार ने अच्छे से बेटी का जन्मदिवस मनाया ! जीवन मे बेटी भाग्यशाली को ही मिलती है मुझे तो ३-३ बेटियाँ मिली है यह मेरा अहोभाग्य है ...... लिखना तो बहुत है मगर शब्दो को यही विराम दूंगा
उत्तम जैन - विद्रोही    

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