Sunday, 30 July 2017

मोहबत

अब हमको भी मोहब्बत का इजहार होना चाहिए,
तीर जिगर के उस पार होना चाहिए,

बहुत रह लिए किसी के बिन अकेले-अकेले अब
अपना भी घर संसार होना चाहिए,

हर कोई देख पढ लेता है चेहरा हमारा हमको भी
अब अखबार होना चाहिए,

कि, बस एक नजर मे दिल चुरा लेते है हमको भी
ऐसो से अब खबरदार होना चाहिए,

सुना है, कि वो मोहब्बत मे बडे मकवूल है,यार उनको
तो मोहब्बत का अब इश्तेहार होना चाहिए ........ उत्तम विद्रोही

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