Sunday, 9 April 2017

महावीर जन्म कल्याणक पर महावीर के सिद्धांतो जीवन में उतारे तभी सार्थक है जन्म कल्याणक मनाना -----

आज हम सभी ने भगवान महावीर जयंती का परम पावन पर्व मनाया l मेने फेसबूक व व्हट्सअप व शोशल मीडिया पर देखा देश विदेश मे बड़े हर्ष के साथ भगवान महावीर जन्म कल्याणक मनाया गया! सभी समाजबंधू इस महापर्व को हर्षोल्लासपूर्वक मनाने की तैयारियों में जुटे बड़ा गर्व भी हुआ l इस बार भव्य शोभायात्राएं व् चल समारोह निकलें, भगवान महावीर के आदर्शों व् सिंद्धांतों पर चलने की शपथ ली , संकल्प लिये l जिस तरह इन कार्यक्रमों की भव्य रूप से मनाया गया है, उसे देखते हुए प्रतीत होता है की समाज का प्रत्येक संगठन और प्रत्येक व्यक्ति भगवान महावीर का सच्चा अनुयायी है l बड़े गर्व की अनुभूति हुई ! एक विचार आया स्वयं को भगवान महावीर के सिद्धांतों के लिये सर्वाधिक प्रतिबद्ध सिद्ध करने का अवसर भला महावीर जयंती से अधिक अनुकूल दूसरा क्या होगा, इसीलिए प्रत्येक संगठन, प्रत्येक मंदिर के पदाधिकारी और प्रत्येक समाजबंधू अपने घरद्वार और कारोबार की चिंता छोड़ इस बार भी धूमधाम के साथ भगवान महावीर जयंती मनाई अपने प्रतिष्ठान भी बंद रखे l
एक बड़े अभियान या लक्ष्य को हासिल करने जैसा वातावरण निर्मित कर भव्यता के मामले मे एक-दुसरे को पीछे छोड़ने की तैयारी है l महावीर जयंती मनाने की तैयारियों में जुटे भक्तों से मेरा प्रश्न है की तुमने भौतिक रूप से तो महावीर को अंगीकार कर लिया लेकिन क्या आत्मिक रूप से तुमने महावीर को अपनाया है, क्या वाकई में तुम महावीर की शिक्षाओं अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह, अचौर्य और ब्रम्हचर्य पर चले हो या चलने का प्रयत्न किया है, नहीं न, तो फिर महावीर जयंती को एक दुसरे से अधिक भव्य स्वरुप में मनाएं जाने वाले इस उत्सव का उत्साह क्यों?……..
अरे भई, मैं आपसे महावीर बनने के लिए नहीं कह रहा हूँ l हम या आप लाख जतन करके भी महावीर जैसे विरत व्यक्तित्व के जेसे नही हो सकते लेकिन महावीर के साथ जिया तो जा सकता है, उन जैसा बनने का प्रयत्न तो किया ही जा सकता है, और यह तभी संभव है जब हम उनकी शिक्षाओं और सिंद्धांतो को अपने जीवन में आत्मसात करें और अपने दैनिक व्यवहार में उन्हें क्रियान्वित करें l महावीर जयंती मनाने में व्यस्त आप सभी में से कितने लोगों ने ऐसा किया है या करने की कौशिश की है l नहीं न l आप तो महावीर के सूत्रों का उपयोग समाज में दूसरों को आईना दिखने के लिए करते हो, स्वयं उन सूत्रों को अपने जीवन में क्रियान्वित क्यों नहीं करते! महावीर के सिद्धांतों का उदाहरण देकर दूसरों पर तो दोषारोपण करने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने देते लेकिन क्या कभी स्वयं के चेहरे पर लगी कालिख को देखने की भी कौशिश की है? जबकि महावीर की प्रतिमा की झुकी हुई निगाहें कहती है की स्वयं को देखो जबकि हम हर समस्या का उत्तरदायी दूसरों को बनाते है l भगवान महावीर कहते है की हम जो भी है, किस भी हाल में है, उसके हम की एकमेव कारण है l
क्या आप महावीर के इस दर्शन को जीते हो की अपनी स्थिति और परिस्थिति के लिए सिर्फ हम ही कारण है और जवाबदेह है l दुसरो पर अपनी समस्याओं का आरोपण करने के बजाय जब हम अपने अन्तर्मन में झांककर कारणों की तलाश करने लगेगे, उस दिन तुम कुछ हद तक स्वयं को महावीर के निकट पाने लगेगे l मैं प्रभावना करने से नहीं रोक रहा और न ही मैं महावीर जयंती महोत्सव मनाने का विरोध कर रहा हूँ, खूब हर्षोल्लास के साथ मनायी है ओर मनाना भी है लेकिन महावीर को भी जियो l शोभायात्रा में बैंडबाजों के साथ चलो लेकिन कुछ पल महावीर के साथ भी चलो, यह भौतिक रूप से संभव नहीं होगा, इसके लिए तुम्हे अपनी आत्मा से द्वार खोलना पड़ेंगे l मैं पुरे विश्वास के साथ कहता हूँ की महावीर को पूजने वाला मोक्ष जाए या न जाए लेकिन महावीर को जीने वाला मोक्ष जरुर जाएगा l जरा सोचो, हमने जो जीवनशैली अपनाई है, अपने आसपास जो दिखावटी सुन्दर सा आवरण ओढ़ रखा है, क्या वह भगवानमहावीर को भाएगा?
आज यदि भगवान महावीर दुनिया में लौट आएं तो क्या वे हमे पसंद करेंगे l महावीर को तो सारा विश्व पसंद करता है लेकिन क्या तुम्हारे कर्म और आचरण ऐसा है की महावीर तूम्हे पसंद करेंगे l नहीं न, तो क्यों नहीं बदल लेते स्वयं को और प्रभावना के बजाए साधना को महत्व क्यों नहीं दे रहे हो? 
क्या इसी समाज की कल्पना की थी भगवान महावीर ने :-क्या जब महावीर मोक्ष गए होंगे, तब क्या उन्होने ऐसे ही समाज की कल्पना की होगी! क्या उन्होंने इसी के लिए समोशरण में बैठकर संदेश दिया होगा l तुम्हारी कथनी और करनी में जो बड़ा विभेद है, उसी के कारन तुम्हे महावीर का वह तप, महावीर की तपस्या व्यर्थ नजर आती है l ऐसा लगता है जैसे सभी ने महावीर को बांट दिया है l पहले लोगों ने धर्म में पंथ बांटे, फिर संत l अब भगवान की मूर्तियों को ही बांटने लगे l बांटने और समाज को विभाजित करने का यह सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है l हमे महावीर जन्मकल्याणक पर दृढ़ संकल्प लेना होगा की भगवान महावीर के दिये संदेश को जीवन मे उतारे तभी महावीर जयंती मनाना हमारे लिये सार्थक होगी ....... जय महावीर
फिर से आपको महावीर जन्म कल्याणक पर शुभकामना
उत्तम जैन ( विद्रोही )
संपादक - विद्रोही आवाज़  

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