Saturday, 8 April 2017

डिनर विवाद: केजरीवाल सरकार की पार्टी में 13 हजार रुपये की थाली-बीजेपी

बीजेपी के वरिष्ठ नेता विजेन्द्र गुप्ता ने आम आदमी पार्टी (आप) पर जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा बर्बाद करने का आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने आवास पर दो दिनों में 80 मेहमानों को भोजन कराने में 11,04,357 रूपये खर्च किए जो अपने आप में सरकारी लंच का रिकार्ड है।
विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने दो दिनों में 80 मेहमानों को भोजन कराने में 11,04,357 रूपये खर्च किये यानि एक मेहमान के लंच पर 13,805 रूपये खर्च आया। नियम के अनुसार सरकार गैर सितारा होटल में आयोजित होने वाले लंच पर 1250 रूपये खर्च कर सकती है लेकिन सभी नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए दिल्ली सरकार ने 1100 प्रतिशत ज्यादा रूपये खर्च किये।
उन्होंने दावा किया कि केजरीवाल सरकार ने एक वर्ष पूरा होने के अवसर पर आयोजित समारोह में यह खर्च किया। केजरीवाल पर चुटकी लेते हुए दिल्ली विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के लिए एक वर्ष की उपलब्धियों को गिनाने के लिए यह राशि तो कुछ भी नहीं है।
उन्होंने कहा कि आप सरकार जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा दोनों हाथों से लुटा रही है। किसी भी सरकार के लिए टैक्स जनता की अमानत होता है और उसे सुनिश्चित करना होता है कि इसे ठीक ढंग से खर्च किया जाए। लेकिन केजरीवाल सरकार पिछले दो वर्षों में अमानत में खयानत का रिकॉर्ड बना चुकी है।
AAP की सफाई
हालांकि आम आदमी पार्टी ने इस आरोप को बेबुनियाद बताया है। उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बिल जारी करने वाले वेंडर के खिलाफ जांच के आदेश दिये हैं। उनका कहना है कि जांच पूरी होने तक बिल नहीं चुकाया जाएगा।
सिसोदिया ने कहा कि एक साल पहले अफसरों ने 13 हजार रुपये प्रति प्लेट कीमत के खाने के बिल की फाइल मेरे पास मंजूरी के लिए भेजी थी, लेकिन मैंने इसे मंजूरी देने से मना कर दिया था। उन्होंने कहा कि छह महीने पहले यह फाइल पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग ने तलब की थी। तब से यह फाइल राजनिवास में पड़ी है।
सिसोदिया ने पिछले कुछ दिनों से हो रहे इस तरह के खुलासों के पीछे राजनिवास को भी निशाने पर लेते हुये कहा कि खाने के बिल की फाइल छह महीने से जानबूझ कर चुनाव के समय लीक करने के लिये उपराज्यपाल कायार्लय में रोक कर रखी गयी थी। सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा कि एलजी ऑफिस के अफसर बीजेपी के इशारे पर सरकार को बदनाम करने के लिये आधी जानकारी के साथ फाइलें लीक कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि लीक किए गए दस्तावेजों में यह नहीं बताया गया है कि दस महीने पहले बिल के भुगतान को रोकने के लिये उन्होंने फाइल पर क्या लिखा था। सिसोदिया ने बीजेपी को इस मामले से जुड़ी पूरी फाइल और इस पर उनके नोट को भी सार्वजनिक करने की चुनौती दी।

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