मालेगांव ब्लास्ट केस में जमानत के बाद जेल से बाहर आईं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि आज बंधन से मुक्त हुई हूं। मैं नौ साल से अन्याय की शिकार हुई हूं। उन्होंने कहा कि भगवा आतंक शब्द कांग्रेस की देन है। प्रज्ञा ठाकुर ने अपनी पहली प्रेस कांफ्रेंस में ये बातें कही।
साध्वी ने कांग्रेस पर आरोप लगात हुए कहा कि कांग्रेस ने मेरे खिलाफ साजिश रची। उन्होंने कहा कि एटीएस मुझे बिना बात के लिए उठा के ले गई और एटीएस ने मुझे गैर कानूनी तरह से प्रताड़ित किया था। एटीएस ने मुझे मानसिक और शारीरिक रूप से मुझे पूरी तरह तोड़ दिया था। उन्होंने कहा कि मैं संन्यासी हूं इसलिए मैंने इस सब को सहन कर लिया।
भोपाल के एक अस्पताल में ढाई साल से भर्ती प्रज्ञा ठाकुर के डॉक्टरों का दावा है कि वो बेहद बीमार हैं। प्रज्ञा ठाकुर भोपाल के पंडित खुशीलाल शर्मा शासकीय (स्वशासी) आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं संस्थान भोपाल में अपना इलाज करा रही हैं। कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर उमेश शुक्ला के अनुसार प्रज्ञा ठाकुर बिना व्हील चेयर के कहीं आ-जा नहीं सकतीं।
उनको रीढ़ की हड्डी में समस्या है। शुक्ला के अनुसार प्रज्ञा ठाकुर को स्तन का कैंसर भी प्रारंभिक अवस्था में है. इसका इलाज भी संस्थान में चल रहा है। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर अपनी बीमारी के इलाज के लिए कई महत्वपूर्ण चिकित्सा संस्थानों में चेकअप करा चुकी हैं।
प्रज्ञा ठाकुर का भोपाल कनेक्शन
मालेगांव में ब्लास्ट 29 सितंबर 2008 में हुआ था। ब्लास्ट के लिए बम को मोटर साईकिल में लगाया गया था। ब्लास्ट में आठ लोग मारे गए थे और 80 से अधिक लोग घायल हुए थे। प्रारंभ में घटना की जांच महाराष्ट्र पुलिस की एटीएस ने की थी। बाद में मामला जांच के लिए एनआईए को सौंप दिया गया।
मालेगांव में ब्लास्ट 29 सितंबर 2008 में हुआ था। ब्लास्ट के लिए बम को मोटर साईकिल में लगाया गया था। ब्लास्ट में आठ लोग मारे गए थे और 80 से अधिक लोग घायल हुए थे। प्रारंभ में घटना की जांच महाराष्ट्र पुलिस की एटीएस ने की थी। बाद में मामला जांच के लिए एनआईए को सौंप दिया गया।
एनआईए ने अपनी जांच में यह पाया कि घटना की साजिश अप्रैल 2008 में भोपाल में रची गई थी। प्रज्ञा ठाकुर की गिरफ्तारी भी एटीएस ने की थी। गिरफ्तारी का आधार ब्लास्ट में उपयोग की गई मोटर साईकिल थी। यह मोटर साईकिल प्रज्ञा ठाकुर के नाम रजिस्टर्ड थी। प्रज्ञा ठाकुर लगभग नौ साल से जेल में थीं।
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