Monday 25 March 2019

मन की बात अपनों से - मेरी कलम –उत्तम जैन (विद्रोही) – अंक -3

 
    मन की बात अपनों से - मेरी कलम –उत्तम जैन (विद्रोही) – अंक -3
           
                    न्यूनतम आय की गेरेंटी अगर कांग्रेस सत्ता मे आयी तो फिर आपातकाल     
गरीबी इस देश में मज़ेदार बहस है.  जब किसी पार्टी के पास कोई मुद्दा शेंष नहीं रहता तब गरीबी हटाओ देश बचाओ का नारा बाजार मे मतदाताओ को लुभाने के लिए लाया जाता है  गरीबी हटाओ देश बचाओ का नारा 1971  के आम चुनाव में  इंदिरा गांधी का प्रमुख नारा था। बाद में उनके बेटे  राजीव गांधी  ने भी इस नारे का उपयोग किया। इस नारे का प्रयोग ( 5 वी ) पंचवर्षीय योजना में किया गया था। हमारे देश मे पंचम पंचवर्षीय योजना में निर्धनता उन्मूलन को योजना के प्रमुख उद्देश्य के रूप में स्वीकार किया गया था। अब राहुल गांधी ने फिर गरीबी हटाओ देश बचाओ  की घोषणा कर बहुत बड़ा गरीबो को प्रलोभन दिया है देखना हमे यह है एक तरफ मोदी लहर मे राहुल गांधी व कांग्रेस की चुनावी घोषणा मतदाताओ कितना लुभाती है !
1971 के  लोकसभा चुनाव मे इंदिरा जी ने एक नारा दिया था वो कहते हैं इंदिरा हटाओ, मैं कहती हूं गरीबी हटाओ.  अगर इंदिरा जी के कार्यकाल पर नजर डाली जाए तो इंदिरा ने गरीबी हटाने के नाम पर देश को आपातकाल में झोंक दिया था गरीबी हटाओ का नारा भी जुमला ही साबित हुआ. 1973 में मंहगाई के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन शुरू हो गए. इसी दौरान 1974 से 1979 तक चलने वाले पांचवे पंचवर्षीय प्लान की घोषणा हुई. इसमें गरीबी उन्मूलन की के तीन मुख्य प्रोग्राम रखे गए. आर्थिक विकास के लिए जारी कुल फंड का महज चार फीसदी गरीबी उन्मूलन के खाते में गया ! अब देखना है कांग्रेस का गरीबो के प्रति हमदर्दी है या फिर सिर्फ चुनावी झुमला  उस समय ये चंद लाइन खूब गायी जाती थी
                  कांग्रेस की सरकार यहां पर, सालो से सत्ता में बराबर 
              गरीबी हटाओ का नारा लगा कर , गरीब को लूटा है बराबर 
             और जनता पर टैक्स बढ़ाया , बढ़ी अमीरी, बढ़ी गरीबी 
             टाटा, बिड़ला खूब कमाया , 20 सूत्री का मीठा फल तो 
             इनके चमचों ने ही खाया, पंजा के निशान पर इसने 
             गधे को भी चुन कर लाया, गरीब को लूटा है बराबर

     
उत्तम जैन ( विद्रोही ) – प्रधान संपादक – विद्रोही आवाज 

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