Tuesday, 13 February 2018

विद्रोही व्यंग्य : वेलेंटाइन डे का सुहाना दिन

 वेलेंटाइन डे  सुहाना दिन गुजरते ही , डरावनी रातों का खौफ महसूस होने लगता है. बन्दा डाउट में रहता है की जिस बंदी को अपना बनाने के लिए उसने अपनी जेब ढीली की, डैडी की जेब काटी, कोचिंग की फ़ीस मारी, क्या ? अगले वेलेंटाइन डे आने तक वो उसके साथ रह पायेगी. क्या सात दिनों का ये प्यार सात महीने सात साल फिर सात जन्मों तक साथ चल पायेगा? ये बात सोच-सोच के बंदा नर्वस हुवा जाता है. उधर बंदियां टेडी और चोकलेट की दुकान खोले बैठी हैं.
चोकलेट डे और टैडी डे पर उनकी चल पड़ी, और उन्होंने एक साथ कईयों को चलाया. लड़कियां रेल, हवाई जहाज , सरकार, प्रशासन  चलाने के साथ-साथ लड़को को बड़ी आसानी से चला लेती हैं. चलाने का उनका ये गुण स्वाभाविक है. बाजार के स्वर्ण मृग वेलेंटाइन के पीछे-पीछे देश के युवा दौड़ रहे हैं. प्यार के बहाने न जाने क्या –क्या बेचा जा रहा है. प्यार बिकाऊ हो गया है. पहले कभी प्यार कीमती हुवा करता था. लोग प्यार में दिल दिया करते थे. अब चोकलेट और टैडी दे रहें हैं. ये जितने महंगे होंगे आपका प्यार उतना पक्का होने की गारंटी है. लेकिन प्यार कितने दिन चलेगा उसकी कोई गारंटी नहीं.
पुराने समय में हमारे बुजुर्ग कहा करते थे और हम सुना करते थे कि “सौ साल पहले मुझे तुमसे प्यार था, आज भी है और कल भी रहेगा ”. लेकिन अब कोई सौ साल प्यार नहीं करना चाहता. बड़ी मुश्किल से एक दो महीने तक लोग प्यार झेल पाते हैं. कुछ इमोशनल टाइप के प्रेमी हैं जो प्यार को लम्बे समय तक झेलना चाहते हैं, पर उनका प्यार उनकी जेब नहीं झेल पाती. अब प्यार का मामला दिल का नहीं जेब का है. जेब जितनी मजबूत होगी महोब्बत उतनी गहरी होगी. आजकल प्यार में लोग गा रहे हैं, “कुछ दिन पहले मुझे किसी से प्यार था, आज तुमसे है ,कल किसी और से रहेगा”.मतलब साफ़ है प्यार-प्यार न रहकर चाइनीज गैजेट हो गया है. जो आज चल रहा है सो चल रहा है कल की कोई गारंटी नहीं. मोर्डन लव अल्पमत में बनी सरकार जैसा है जो कभी भी गिर सकता है
उत्तम जैन ( विद्रोही ) 

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