जाने वाले को विदा और आने वाले का स्वागत करना यही हमारी भारतीय संस्कृति है. हर साल की तरह दीपावली के बाद अगले दिन हम नूतन वर्ष अपने साथ कडकडाती हुई ठण्ड और नए साल की आहट लेकर आता है. हम ठहरे उत्सवधर्मी. प्रत्येक क्षण, प्रत्येक दिन आनंद और उत्साह से बिताया जाये यही सिखाया है ! नया वर्ष, नयी दिशा, नयी सोच, नयी कामना, नयी आस, नयी भावना के साथ स्वागत कीजिये नए साल का आप सभी को नूतन वर्ष की विशेष शुभकामनाएं…….
नया साल मुबारक सबको
पूरी हो सबकी अभिलाषाये
जो रह गयी है आशाये अधूरी
वो नव वर्ष में पूरी हो जाये
नये साल की शुभकामनाये ….!
बिछ्डों को अपने मिल जाये
टूटे दिल फिर से जुड जाये
आने वाला साल अपने संग
हर रात दीवाली सी लाये
नये साल की शुभकामनाये ….!
रहे हर देश में खुशहाली
हाथ रहे ना कोई खाली
धरा भी हो जाये हरियाली
ऐसी इक क्रान्ति ले आये
नये साल की शुभकामनाये ….!
वेद-काल से आज तक भारत में जो उत्सवों की परम्परा रही है, वे समयानुकूल परिवर्तन वाले उत्सव रहे हैं. भारत की उत्सव परम्परा, प्रकृति-प्रेम को बलवान बनाने वाली, बालक से लेकर के हर व्यक्ति को संस्कारित करने वाली रही हैं
अब नया साल के लिए विशेष – नई सफलता की रणनीति तय करने का जिससे की आप सभी मुश्किलों को दूर कर के सफलता को प्राप्त कर सकते हैं । इस साल के प्रथम दिन में ही हमे व आपको अपने नए साल के संकल्पों को लेना जरूरी है आपको अपने लक्ष्य पर अपना फोकस बनाये रखना पड़ेगा और पिछले साल की गलतियों को बारीकियों से तुलना करते हुए इस वर्ष अपने सोच में नहीं लाना है
अपने नया साल नई सफलता की रणनीति तय करने के लिए नए प्रस्ताव या संकल्प करना बहुत जरूरी हैं । लेकिन संकल्प लेने से पहले लोग खासकर दो गलतियाँ कर जाते हैं ।
1…लोग सोचते हैं उन्हें करना क्या चाहिए ! जबकि उनसे सोचना चाहिए की उनकी पसंद क्या है और क्या सच मैं उस कार्य को करना चाहिए ।
2 .दूसरी बड़ी गलती वह सोचते हैं क्या-क्या उन्हें नहीं करना चाहिए ! पर उन्हें सोचना चाहिए जो गलतिया पिछले साल की उन्हे फिर से नही करनी है
आपको अपने लक्ष्य को पाने के लिए अपने आप से अटल वादा करना पड़ेगा, तभी आप हमेशा अपने संकल्पों को सफल बनाने के लिए प्रेरित रहेंगे पक्का कर लें कि चाहे रास्ते में जितनी बड़ी मुश्किल आए या छोटी-मोटी असफलता आए आपको रुकेंगे नहीं चाहे बार-बार आपको कोशिश करना पड़े नया साल के लिए नई सफलता की रणनीति तय करने के लिए सबसे अच्छा समय है क्योंकि इस शुरुवाती समय में हर जगह एक ख़ुशी भरा समारोह है और हर किसी के मन में प्रेरित विचार होते । यह एक ऐसा समय है जब हर कोई व्यक्ति एक दुसरे से मदद और समर्थन देने के लिए तैयार रहते हैं ।
लेखक– उत्तम जैन ( विद्रोही)
प्रधान संपादक – विद्रोही आवाज़
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